Niyatinati by Author Aruna is a Very interesting story. The story begins where Vivek and his two friends are pursuing engineering from one of the reputed institutes, IIT B.H.U.
Vivek is a very cool person who lives a fun and frolic life. Suddenly a blind turn comes in his life and changes the whole direction of his life. This tragedy draws Vivek, who was a beauty admirer to OLD RAJENDRA NAGAR, which is known as the “graveyard of youth” in preparation for the toughest exam in the country “UPSC”. He achieves success by going through the difficult track of frustration, depression and finally SELECTION….
The story does not end here and NIYATI NATI begins her dance and through VIVEK starts the story of REVENGE with the flame of LOVE, FRIENDSHIP and TRUST. The novel NIYATI NATI reveals that you have to pay for your deeds in this materialistic world only which is known as THE ULTIMATE JUSTICE OF KARMA.
विवेक और उसके दो दोस्त प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक आई.आई.टी.बी.एच.यू. से इंजीनियरिंग कर रहे हैं।
विवेक एक बहुत ही शांत व्यक्ति है जो एक मजेदार और मजेदार जीवन जीता है। अचानक एक अंधा मोड़ उसके जीवन में आता है और उसके जीवन की पूरी दिशा बदल देता है। यह त्रासदी विवेक को आकर्षित करती है जो एक सौंदर्य प्रशंसक थे, जो देश की सबसे कठिन परीक्षा यानी यूपीएससी की तैयारी के लिए ओल्ड राजेंद्र नगर में “युवाओं के कब्रिस्तान” के रूप में जाना जाता है।
वह निराशा, अवसाद और अंत में चयन के कठिन ट्रैक से गुजरकर सफलता प्राप्त करता है।
कहानी यहीं खत्म नहीं होती और नियति नाटी अपना डांस शुरू करती है और विवेक के जरिए प्यार, दोस्ती और विश्वास की लौ के साथ बदला लेने की कहानी शुरू होती है। उपन्यास नियति नाटी से पता चलता है कि आपको इस भौतिकवादी दुनिया में ही अपने कर्मों के लिए भुगतान करना होगा जिसे कर्म के अंतिम न्याय के रूप में जाना जाता है।
जीवन के भागदौड़ में कभी-कभी हमारा मन थकने लगता है। यह थकान हमारे मन की शक्त ऊर्जा को कम कर देती हैं। हमारे भीतर कुछ भी करने का साहस नहीं रह जाता है। एक-एक कदम बढ़ाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में हमें लगता है कि कोई आए और हमें उठा कर जीवन के दौड़ में फिर से शामिल करा दे… “विजयश्री” पुस्तक के माध्यम से यहीं प्रयास किया गया है। “विजयश्री” पुस्तक जीवन को एक नए नजरिए से भरकर, जीत की तरफ कदम बढ़ाने को उत्साहित करती है। जीतने की ज़िद करने को प्रेरित करती है। यह प्रत्येक आयु वर्ग के लिए प्रेरणात्मक पुस्तक है।
विविध मौसमों के समान हमारा जीवन भी विविध भावों से परिपूर्ण रहता है। जीवन में कभी हर्ष है तो कभी विषाद है… तो कभी मन प्रेम में मगन हो कर नाचता रहता है… तो कभी दर्द में करवटें बदलता है। जैसे जीवन इंद्रधनुषी रंगों के समान सतरंगी होता है, ठीक उसी प्रकार संवेदना काव्य व गजल संग्रह भी विविध भावनाओं जैसे- प्रेम, त्याग, शोक, दर्द, वफ़ा, दगा आदि की अभिव्यक्ति है। कहीं पर अगर प्रेम का अतिरेक है तो… कहीं दर्द से सालता हृदय भी है। कहीं अनेकों शिकायतें हैं… तो कहीं खुशियों की बहार भी… इन्हीं विविध भावनाओं का समिश्रण है-
“अभिव्यंजना” काव्य-संग्रह प्रेम के साथ नारी हृदय की व्यथा-कथा को भी प्रस्तुत करती है। नारी के दर्द को पन्नो पर उकेरने का एक बेहतरीन प्रयास अभिव्यंजना काव्य-संग्रह के माध्यम से किया गया है। नारी के मन के उस भाव को व्यक्त करने की कोशिश की गई है जो प्रत्येक नारी महसूस तो करती है मगर अभिव्यक्त नहीं करती है।
Copyright © 2023 - Created by Aruna Shaibya.
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